शाम सूरज को ढलना सिखाती है;
शम्मा परवाने को जलना सिखाती है;
गिरने वाले को तकलीफ तो होती है मगर;
ठोकर इंसान को चलना सिखाती है।
जोक्स और शायरी हिंदी में
शाम सूरज को ढलना सिखाती है;
शम्मा परवाने को जलना सिखाती है;
गिरने वाले को तकलीफ तो होती है मगर;
ठोकर इंसान को चलना सिखाती है।